मुंबई, 9 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन) मानसून के मौसम में हैजा, टाइफाइड बुखार और हेपेटाइटिस ए जैसी जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन बच्चों पर जो प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित कर रहे हैं। दूषित पानी में बैक्टीरिया, वायरस और परजीवियों के कारण होने वाली ये बीमारियाँ स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा करती हैं, खासकर उन इलाकों में जहाँ साफ पानी और उचित स्वच्छता की सुविधा नहीं है। सीवेज ओवरफ्लो और खराब स्वच्छता प्रथाओं के कारण व्यापक संदूषण होता है, जिससे रोकथाम के प्रयास जटिल हो जाते हैं। जलजनित बीमारियाँ न केवल बच्चों में गंभीर निर्जलीकरण और कुपोषण का कारण बनती हैं, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं और विकास संबंधी बाधाओं का भी कारण बनती हैं, जिससे स्कूल में उपस्थिति और समग्र स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
डॉ. रवि शंकरजी, एमबीबीएस, एमडी, इंटरनल मेडिसिन, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, बैंगलोर ने बच्चों में जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए सुझाव दिए:
सुरक्षित पानी का सेवन
जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों के लिए सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करें। संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए उबला हुआ पानी या वाटर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
स्वच्छता बनाए रखें
बच्चों को अच्छी स्वच्छता की आदतें सिखाएँ और बढ़ावा दें, जैसे खाने से पहले हाथ धोना और फलों और सब्जियों को साफ करना। इससे बीमारियों का जोखिम कम होता है और दस्त से बचाव होता है।
रुके हुए पानी से बचें
रुके हुए पानी में मच्छर पनपते हैं जो डेंगू और मलेरिया का कारण बनते हैं। कूलर और कंटेनर में नियमित रूप से पानी बदलें और पानी जमा होने वाली किसी भी वस्तु को खाली कर दें।
उचित पोषण और आहार
संतुलित पोषण और अच्छा आहार बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखता है। विटामिन सी से भरपूर मौसमी फलों के अलावा, पत्तेदार सब्जियाँ, घर का बना सूप, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल करें।
माता-पिता को अपने बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर और खुली त्वचा पर मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाकर मच्छरों के काटने से बचाना चाहिए।
टीकाकरण हैजा और टाइफाइड जैसी जलजनित बीमारियों से प्रभावी सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। झीलों या अस्वच्छ क्षेत्रों के पास रहने वाले निवासियों को टीकाकरण को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इन चरणों का पालन करके और उबला हुआ पानी पीने, स्वच्छता बनाए रखने और पौष्टिक आहार खाने जैसी आदतों को अपनाकर, मानसून के संक्रमण के प्रसार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए समय पर टीकाकरण सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।